राष्ट्रीय क्षयरोग दुरीकरण कार्यक्रम
राष्ट्रीय क्षयरोग दुरीकरण कार्यक्रम
महाराष्ट्र राज्य
- प्रस्तावना-
क्षयरोग हा मायकोबॅक्टेरियम टयुबरक्युलोसिस नावाच्या जीवाणुंमुळे होतो. हा आजार माणसाला फार पूर्वीपासून माहित असून प्राचीन काळी त्याला राजयक्ष्मा या नावाने संबोधले जायचे. क्षयरोग प्रामुख्याने फुफुसांना होत असला तरी तो शरीराच्या लसिकाग्रंथी, मेंदू, हाडे, मुत्रपिंड यासारख्या अवयवांनासुध्दा होवू शकतो. क्षयरोगाचा प्रसार हवेद्वारे होतो. जेव्हा फुफुसाच्या क्षयरोगाने आजारी असणारी व्यक्ती शिंकते किंवा खोकते तेव्हा हवेद्वारे क्षयरोगाच्या जीवाणूंचा प्रसार होतो.
शासनाच्या मार्गदर्शक सुचनांनुसार राष्ट्रीय क्षयरोग दुरीकरण कार्यक्रम महाराष्ट्रामध्ये सन १९९८-९९ पासून टप्याटप्याने राबविण्यात येत आहे. हा कार्यक्रम सर्व राज्यात २००३ पासून राबविण्यात येत आहे. व तसेच हा कार्यक्रम प्रभावीपणे राबविण्यासाठी राज्य क्षयरोग नियंत्रण सोसायटी व ८० जिल्हा/शहर क्षयरोग नियंत्रण केंद्रांची स्थापना करण्यात आली आहे.
मा.प्रधानमंत्री यांच्या महत्वकांक्षी धोरणानुसार सन २०२५ पर्यंत भारत देश हा क्षयरोग मुक्त करण्याचे ध्येय ठरविण्यात आले आहे.
- कार्यक्रमाची उद्दिष्टे-
- ८० % क्षयरोग प्रादुर्भाव (TB Incidence) प्रमाण कमी करणे
- क्षयरोग मृत्युचे प्रमाण ९० % ने कमी करणे
- क्षयरोग व उपचारासाठी क्षयरुग्णांचा होणारा खर्च शून्य % करणे
- साध्यः-
अ.क्र. | उद्दीष्ट | २०१५ ची स्थिती | साध्य २०२४ | लक्ष्य २०२५ |
१ | ८० % क्षयरोग प्रार्दूभाव (TB Incidence) प्रमाण कमी करणे | भारत सरकारच्या अंदाजित क्षयरोग प्रादुर्भाव प्रमाण (TB Incidence) हा २०८ प्रति लाख प्रति वर्ष ठरविण्यात आला आहे. | सद्यस्थितीत निक्क्षय प्रणालीनुसार क्षयरोग प्रादुर्भाव प्रमाण (TB Incidence) हा १५३ प्रति लाख प्रति वर्ष इतका आहे.
(२७ टक्के ने कमी झाला आहे.) |
४२ प्रति लाख लोकसंख्या |
2 | क्षयरोग मृत्युचे प्रमाण ९० % ने कमी करणे | कार्यक्रमाच्या आकडेवारीनुसार प्रति लाख लोकसंख्येनुसार ४.४७ % मृत्यू दर ठरविण्यात आला आहे. | प्रति लाख लोकसंख्येनुसार
३.६० % मृत्यू दर आहे. (१९ टक्के ने मृत्यू दर कमी झाला आहे.) |
प्रति लाख लोकसंख्येनुसार
०.५ % मृत्यू दर साध्य करणे. |
3 | क्षयरोग व उपचारासाठी क्षयरुग्णांचा होणारा खर्च ० % करणे | — | प्रत्येक रुग्णासाठी (सार्वजनिक आणि खाजगी क्षेत्र) DBT/ प्रवास समर्थनाद्वारे मोफत निदान / मोफत औषध / पोषण समर्थनाची तरतूद | प्रत्येक रुग्णासाठी (सार्वजनिक आणि खाजगी क्षेत्र) DBT/ प्रवास समर्थनाद्वारे मोफत निदान / मोफत औषध / पोषण समर्थनाची तरतूद |
- पायाभूत सुविधाः-
संस्था | संख्या | |
राज्य क्षयरोग प्रशिक्षण व नियंत्रण केंद्रे | ३ | |
राज्य औषधी भांडार | ३ | |
क्षयरोग रुग्णालये – १) क्षयरोग धाम,बुलढाणा, (२) औंध उरो रुग्णालय,पुणे ,(३)जी जी राठी क्षयरोग
रुग्णालय,अमरावती, (४)शशीकला क्षयरोग रुग्णालय, जयसिंगपूर, जि.कोल्हापूर, (५) शिवडी (मुंबई महानगरपालिका) |
5 | |
जिल्हा क्षयरोग केंद्रे | ३४ | |
शहर क्षयरोग केंद्रे | २२ | |
मुंबई वॉर्ड निहाय | २४ | |
एकूण उपचार पथके | ५३९ | |
एकूण मान्यताप्राप्त सुक्ष्मदर्शक केंद्रे | २०२५ | |
कल्चर डी एस टी लॅब (सार्वजनिक ६ व खाजगी ७) | १३ | |
नोडल डीआरटीबी सेंटर | २१ | |
हॅण्डहेल्ड एक्स रे मशिन | ९९ | |
जिल्हास्तरीय डीआरटीबी सेंटर | ४२ | |
मोबाईल एक्स रे व्हॅन | ६ | |
सीबीनॅट मशिन | १७१ | |
ट्रुनॅट मशिन | ६२४ | |
कार्यक्रमांतर्गत कार्यरत खाजगी संस्था (एन.जी.ओ.) | ८० | |
पार्टनर ऑर्गनायझेशन | ०७ | |
मेडिकल कॉलेज (एकुण ६३) | शासकिय | ३१ |
खाजगी | ३२ | |
एन.एच.एम. अतंर्गत राज्यस्तरीय पी.पी.एस.ए.जिल्हे/मनपा | ८० |
राष्ट्रीय क्षयरोग दुरीकरण कार्यक्रमाची कार्यपध्दती:-
- निदान – राष्ट्रीय क्षयरोग दुरीकरण कार्यक्रमाअंतर्गत देण्यात आलेल्या मार्गदर्शक सुचनांनुसार क्षयरोगाचे निदान करण्यात येते. नविन निदान झालेल्या क्षयरुग्णांमधील औषधांची संवेदनशीलता तपासण्याकरिता पुढील चाचण्या कार्यक्रमांतर्गत करण्यात येतात. सीबीनॅट व TrueNat,लाईन प्रोबएसे (LPA लीक्वीड/सॉलीड कल्चर इ. राज्यात NAAT मशिनच्या उपलब्धतेनुसार Upfront test सुरु करण्यात आलेल्या आहेत.
- उपचार पध्दती- राष्ट्रीय क्षयरोग दुरीकरण कार्यक्रमाअंतर्गत देण्यात आलेल्या मार्गदर्शक सुचनांनुसार नविन निदान झालेल्या औषधी संवेदन व औषधीविरोधी क्षयरुग्णांना उपचार देण्यात येतात.
- कार्यक्रमातंर्गत निदान झालेल्या क्षयरुग्णांना त्यांच्या वजनानुसार उत्तम दर्जाचे क्षयविरोधी औषधी (Fix dose Combination मध्ये) उपचार पुर्ण होई पर्यंत अखंडित पुरविण्यात येतात.
- क्षयरोग पथकामधील वैदयकिय अधिका-यांच्या मार्फत क्षयरुग्णांचे उपचार पुर्ण होण्याकरिता सतत त्यांची देखरेख व पर्यवेक्षण करण्यात येते.
- कार्यक्रमांतर्गत निदान झालेल्या औषधविरोधी क्षयरुग्णांना मार्गदर्शक सुचनांनुसार क्षयविरोधी मोफत औषधांचे उपचार सुरु करण्यात येतात.
- राष्ट्रीय क्षयरोग दुरीकरण कार्यक्रमांतर्गत विविध योजना व उपक्रम :-
क्षयरोगावरील प्राथमिक उपचारांना दाद न देणाऱ्या (एमडीआर टीबी) रुग्णांच्या निदानासाठी राज्यात खालील ठिकाणी Culture and DST laboratoiries कार्यरत असुन या ठिकाणी रोगनिदानाची अद्ययावत सुविधा उपलब्ध आहे. (खाजगी व शासकीय)
- जे. जे. हॉस्पीटल, मुंबई
- महात्मा गांधी इंस्टीटयुट ऑफ मेडीकल सायन्सेस, सेवाग्राम वर्धा.
- बी.जे. वैदयकीय महाविदयालय व ससून रुग्णालय, पुणे
- शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय, औरंगाबाद.
- जीटीबी हॉस्पीटल, शिवडी, मुंबई.
- आई आर एल तथा राज्य क्षयरोग नियंत्रण व प्रशिक्षण केंद्र, नागपूर.
- आई आर एल तथा राज्य क्षयरोग नियंत्रण व प्रशिक्षण केंद्र, पुणे.
- के.ई.एम. वैद्यकीय महाविद्यालय, मुंबई.
- हिंदुजा हॉस्पीटल, मुंबई
- सुपर रेलिगेअर लॅबोरेटरी, मुंबई
- मेट्रोपोलिस लॅबोरेटरी, मुंबई
- इन्फेक्सन लॅबोरेटरी, ठाणे.
- सबअर्बन लॅबोरेटरी, मुंबई.
अति जोखमिच्या लोकसंख्येत, क्षयरुग्णांमध्ये तसेच उपचारांना दाद न देणाऱ्या संशयित एमडीआर टीबी रुग्णांच्या विशेष प्रकारच्या औषधोपचाराचा विचार करता राज्यात २१ ठिकाणी नोडल डी आर टीबी केंद्रांची स्थापना करण्यात आलेली आहे. अशा प्रकारच्या रुग्णांना विशेषज्ञांच्या मार्गदर्शनाखाली औषधोपचार करण्यासाठी यापैकि बहुतांशी केंद्र ही वैद्यकिय महाविद्यालय, क्षयरुग्णालयाचे ठिकाणी आहेत.
NTEP प्रोगाममधील प्रत्येक निदान झालेल्या टीबी रुग्णाची CBNAAT/TrueNat मशीनवर रिफाम्पिसिन संवेदनशीलतेसाठी चाचणी केली जाते. यामुळे DRTB रुग्णांची लवकर ओळख होण्यास मदत होते. राज्यात १७१ CBNAAT साइटस आणि ६२४ TrueNat साइटस सर्व जिल्हयांमध्ये वाटप केल्या आहेत.निदान झालेल्या औषध प्रतिरोधक क्षयरुग्णांना वैद्यकीय तज्ञांच्या (डीआरटीबी Committee) मार्गदर्शनाखाली विविध औषधे असलेली योग्य पथ्ये सांगितली जातात.
DRTB रुग्णांवर उपचार सुरु करण्यासाठी २१ नोडल ड्रग रेझिस्टंट् टीबी (DRTB) केंद्रे स्थापन करण्यात आली आहेत. या व्यतिरीक्त ४२ ठिकाणी जिल्हास्तरीय डीआरटीबी सेंटर कार्यरत आहेत त्या ठिकाणी औषधविरोधी क्षयरुग्णांना औषधोपचार देण्यात येतात.
- कार्यक्रमांतर्गत सद्यस्थिती व निर्देशांकनिहाय झालेले कार्य :–
वर्ष | तपासलेले
संशयीत क्षयरुग्ण |
संशयीत रुग्ण तपासणीचे प्रमाण /लाख/वर्ष | नोंदणी झालेले क्षयरुग्ण | क्षयरुग्ण नोंदणी प्रमाण /लाख/वर्ष | ||||
सार्वजनिक क्षेत्र | खाजगी क्षेत्र | एकुण | सार्वजनिक क्षेत्र | खाजगी क्षेत्र | एकुण | |||
2019 | 1126294 | 934 | 143954 | 83050 | 227004 | 119 | 69 | 188 |
2020 | 857694 | 682 | 95762 | 64310 | 160072 | 76 | 51 | 127 |
2021 | 954412 | 750 | 110216 | 90024 | 200240 | 87 | 71 | 158 |
2022 | 1998356 | 1552 | 132348 | 101524 | 233872 | 103 | 79 | 182 |
2023 | 2622646 | 2027 | 124381 | 103265 | 227646 | 96 | 80 | 176 |
2024 | 353९९४१ | २७०४ | ११७१४९ | 11३३६६ | 2३०५१५ | ८९ | ८७ | १७६ |
२०२५ (माहे मार्च अखेर) | ७५४६११ | ३४५८ | ३०५०० | २७६७० | ५८१७० | ९५ | ८६ | १८१ |
- Drug Resistant TB रुग्णांची माहिती :-
वर्ष | एकूण एमडीआर व आर आर क्षयरुग्ण (खाजगी व शासकीय) | उपचारावर आणलेले एमडी आर व आर आर क्षयरुग्ण | टक्केवारी |
2019 | 10778 | 9952 | 92 % |
2020 | 8085 | 7525 | 93 % |
2021 | 9608 | 9017 | 94 % |
2022 | 10384 | 9705 | 93 % |
2023 | 9023 | 8268 | 92 % |
2024 | ९४४६ | ८६२२ | ९१ % |
२०२५ (माहे मार्च अखेर) | २०२९ | १४८३ | ७१ % |
- क्षयरोग उपचार यशस्वीतेचा दर ( Succes Rate ) :-
राष्ट्रीय क्षयरोग दुरीकरण कार्यक्रमाअंतर्गत निदान झालेल्या सर्व क्षयरुग्णांना औषधोपचार पुर्ण करण्याचे दृष्टिने कर्मचाऱ्यांचे मार्गदर्शनाखाली / सहकार्याने मोफत औषधी दिली जाते. सर्व प्रकारचे नविन क्षयरुग्ण व पुर्नउपचाराखालील क्षयरुग्ण यांचे औषधोपचार पुर्ण करण्याचे प्रमाण खालील प्रमाणे आहे.
रुग्ण नोंदणीचा कालावधी | नविन क्षयरुग्णांचे औषधोपचार पुर्ण करण्याचे प्रमाण (अपेक्षित ९० टक्के पेक्षा जास्त) | पुर्नउपचाराखालील क्षयरुग्णांचे औषधोपचार पुर्ण करण्याचे प्रमाण (अपेक्षित ८५ टक्के पेक्षा जास्त) |
2017 | 87 % | 72 % |
रुग्ण नोंदणीचा कालावधी | क्षयरुग्णांचे औषधोपचार पुर्ण करण्याचे प्रमाण (डीएसटीबी) (अपेक्षित ९० टक्के पेक्षा जास्त) | क्षयरुग्णांचे औषधोपचार पुर्ण करण्याचे प्रमाण (डीआरटीबी) |
2018 | 88 % | 59 % |
2019 | 84 % | 65 % |
2020 | 84 % | 69 % |
2021 | 87 % | 74 % |
2022 | 87 % | 72 % |
2023 | 88 % | सर्व रुग्णांचे निकाल अद्याप मिळालेले नाहीत कारण रुग्ण अद्याप उपचारावर आहेत |
२०२४ (माहे मार्च अखेर) | ८४% |
- यु.डी.एस.टी.(Universal DST) :-
शासकिय तसेच खाजगी क्षेत्रांतर्गत निदान झालेल्या सर्व क्षयरुग्णांची Rifampicin या औषधाची प्रतिकारशक्ति निश्चित करण्यासाठी GeneXpert (CBNAAT) द्वारे तपासणी करणे आवश्यक आहे.
वर्ष | शासकीय क्षेत्र | खाजगी क्षेत्र | एकूण | |||||||
एकूण नोंदणी झालेले क्षयरुग्ण | क्षयरुग्णां मध्ये रिफामायसीन प्रतिरोध स्थितीविषयीची माहिती | टक्के | एकूण नोंदणी झालेले क्षयरुग्ण | क्षयरुग्णां मध्ये रिफामायसीन प्रतिरोध स्थितीविषयीची माहिती | टक्के | एकूण नोंदणी झालेले क्षयरुग्ण | क्षयरुग्णां मध्ये रिफामायसीन प्रतिरोध स्थितीविषयीची माहिती | टक्के | ||
2019 | 147486 | 117422 | 80 | 75996 | 40027 | 53 | 223482 | 157449 | 70 | |
2020 | 103661 | 87316 | 84 | 53066 | 34174 | 64 | 156727 | 121490 | 78 | |
2021 | 126737 | 105581 | 83 | 70078 | 46832 | 67 | 196815 | 152413 | 77 | |
2022 | 152304 | 108718 | 71 | 77352 | 40882 | 53 | 229656 | 149600 | 65 | |
2023 | 136624 | 96853 | 71 | 74745 | 42398 | 57 | 211369 | 139251 | 66 | |
2024 | — | — | — | — | — | — | १०९१५७ | ८६०८९ | ७९ | |
२०२५(माहे मार्च अखेर) | — | — | — | — | — | — | २५६२८ | १९९९२ | ७८ | |
- थेट लाभ हस्तांतरण पध्दतीने लाभार्थी लाभ –
डी.बी.टी. अंतर्गत लाभ महाराष्ट्र राज्यात १ एप्रिल २०१८ पासुन क्षयरुग्णांना निक्क्षय पोषण आहार योजने अंतर्गत दरमहा ५००/- रुपये क्षयरुग्णांच्या बॅंक खात्यात थेट उपचार चालू असेपर्यंत वर्ग करण्यात येत होते. दिनांक ०१ नोव्हेंबर २०२४ पासून सुधारित रक्कम रुपये १०००/- याप्रमाणे करण्यात आली आहे.
वर्ष |
पात्र लाभार्थी | बॅक खाते अद्ययावत केलेले लाभार्थीं | डीबीटी द्वारे लाभ दिलेले लाभार्थी | डीबीटी द्वारे लाभ दिलेल्या लाभार्थ्यांची टक्केवारी |
2019 | 221962 | 132457 | 107773 | 49 |
2020 | 158608 | 115672 | 98819 | 62 |
2021 | 199787 | 142550 | 91694 | 74 |
2022 | 234609 | 177933 | 155429 | 66 |
2023 | 207196 | 170605 | 152869 | 74 |
2024 | २२९३६१ | १७०२०० | १६०३९५ | ७६ |
२०२५ (माहे मार्च अखेर) | ५२९६२ | ३२३१० | १३२०० | २५ |
- क्षयरुग्णालयांची कामाची माहितीः-
राज्यात एकूण ४ टीबी रुग्णालये कार्यरत असून त्यांच्या अंतर्गत झालेले कामकाज खालीलप्रमाणे.
अ.क्र.
|
जिल्हयाचे नाव | टि.बी. रुग्णालयाचे नाव | एकूण बेड संख्या | वर्ष २०२३ | वर्ष २०२४ | वर्ष २०२५ (माहे मार्च अखेर) | |||
एकूण बाहय रुग्ण संख्या | एकूण आंतररुग्ण संख्या | एकूण बाहय रुग्ण संख्या | एकूण आंतररुग्ण संख्या | एकूण बाहय रुग्ण संख्या | एकूण आंतररुग्ण संख्या | ||||
1 | बुलढाणा | टि.बी.सॅनिटोरिअम, बुलढाणा | 100 | 1927 | 1061 | 2090 | 645 | 456 | 146 |
2 | पुणे | औंध उरो रुग्णालय, पुणे | 120 | 4956 | 1460 | 5123 | 1318 | 855 | 190 |
3 | अमरावती | जी.जी.राठी टि.बी. रुग्णालय, अमरावती | 50 | 3490 | 1103 | 4170 | 1165 | 808 | 181 |
4 | कोल्हापूर | शशिकला टि.बी. रुग्णालय, जयसिंगपूर, कोल्हापूर | 20 | 1578 | 53 | 1747 | 53 | 761 | 11 |
5 | मुंबई (शिवडी) | शिवडी रुग्णालय, मुंबई | 1000 | 18380 | 4130 | 15675 | 4354 | 3486 | 705 |
एकूण राज्य | 1290 | 30331 | 7807 | 28805 | 7535 | 6366 | १२३३ |
Ø उपराष्ट्रीय प्रमाणीकरण :- भारत सरकारच्या महत्वकांक्षी उद्दीष्टानुसार २०२५ पर्यंत क्षयमुक्त भारत करण्याचे धोरण एसडीजी उद्दीष्टांच्या ५ वर्ष आधी करणे प्रस्तावित आहे. त्यानुसार नवीन क्षयरुग्ण प्रमाण ८० टक्के कमी करण्याचे महत्वकांक्षी लक्ष्य ठेवण्यात आलेले आहे. व त्यानुसार जागतिक आरोग्य संघटनेच्या नेतृत्वाखाली राष्ट्रीय स्तरावरुन मोठया प्रमाणात सदर टीबी Free Sub-National Certification प्रक्रिया राबविली जाते. सदर प्रतिष्ठित प्रक्रियेमध्ये सन २०२०-२१ मध्ये महाराष्ट्रास देशात सर्वाधिक ९ पदके प्राप्त झाली. त्यामध्ये २ रौप्य व ७ कांस्य पदके आहेत.
- आर्थिक माहिती – राज्य तरतूद व खर्च- सन २०२४-२५ (माहे फेब्रुवारी अखेर) (रक्कम हजारात)
मुख्य लेखा शिर्ष | मंजूर अनुदान | प्राप्त अनुदान | खर्च | टक्के |
22100191 | 914371 | 1087019 | 1004326 | 92 |
22100674 | 45726 | 44802 | 42331 | 94 |
22105201 | 122339 | 244285 | 125283 | 51 |
22105237 | 35304 | 35622 | 32606 | 92 |
एकूण | 1117740 | 1411728 | 1204546 | 85 |
- राष्ट्रीय क्षयरोग दुरीकरण कार्यक्रम (एनएचएम अंतर्गत खर्चाचा अहवाल):- (रक्कम लाखात)
वर्ष | मंजूर पीआयपी | खर्च | टक्केवारी |
२०१९-२० | १७१५३.४२ | १०२६३.४९ | ५९.८३ टक्के |
२०२०-२१ | १४००३.७२ | ११९८७.९१ | ८५.६१ टक्के |
२०२१-२२ | २३४२८.९७ | १०२८७.८३ | ४३.९१ टक्के |
२०२२-२३ | २२०३५.०३ | १८९२६.१४ | ८५.८९ टक्के |
२०२३-२४ | २४६४५.३० | १८०५१.४० | ७३.२४ टक्के |
२०२४-२५ | २४६६२.७० | १६१५६.८९ | ६५.५१ टक्के |
- इतर उपक्रम :-
- प्रधानमंत्री टि.बी.मुक्त भारत अभियान :- कार्यक्रमांतर्गत प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान राज्यात राबविण्यात येत आहे. सदर उपक्रमांतर्गत १३५७० निक्क्षय मित्रांची नोंदणी करण्यात आली असून त्यापैकी १२९९३ निक्क्षय मित्रांनी पोषण आहार देण्यासाठी संमती दिलेली आहे. तसेच १२०३०१ क्षयरुग्णांनी पोषणआहार घेण्याकरिता संमती दर्शवली असून त्यांना आतापर्यंत ३५०६२० फूड बास्केट वाटप करण्यात आले आहेत.
- बीसीजी लसीकरण :- केंद्रिय क्षयरोग विभाग, आरोग्य व कुटुंब कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार यांच्याकडील मार्गदर्शक सुचनेनुसार राज्यातील निवडक ४० एनटीईपी जिल्हयामध्ये १८ वर्षावरील पात्र व्यक्तींना दिनांक ०३ सप्टेंबर २०२४ पासून बीसीजी लसीची एक अतिरिक्त मात्रा ही देण्यात येत आहे. सदर उपक्रमांतर्गत दिनांक १८ मार्च २०२५ अखेर १८ वर्षावरील १५,८३,१४१ इतक्या पात्र व्यक्तींना बीसीजी लसीची एक अतिरिक्त मात्रा ही देण्यात आली आहे.
- टी.बी.मुक्त पंचायत :- राज्यात केंद्रिय क्षयरोग विभाग, आरोग्य व कुटुंब कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार यांच्याकडील मार्गदर्शक सुचनेनुसार टीबी मुक्त पंचायत अभियानही राबविण्यात येत आहे. सदर अभियानांतर्गत राज्यातील एकूण ग्रामपंचायतीपैकी सन २०२३ मध्ये २२५१ ग्राम पंचायती टीबी मुक्त करण्यात राज्य यशस्वी झालेले आहे. तर सन २०२४ मध्ये ७४०२ ग्राम पंचायती टीबी मुक्त होणार असल्याबाबतचा दावा केंद्रीय क्षयरोग विभाग, नवी दिल्ली यांना सादर झाला आहे. सदर ग्राम पंचायतींना महात्मा गांधीजींचा कास्य रंगाचा पुतळा व प्रमाणपत्र देवून जिल्हाधिकऱ्यांचे हस्ते गौरविण्यात येत आहे.
- Cy-TB चाचणी :- सुप्त अवस्थेतील क्षयरोग संसर्ग (Latent TB infection) असलेल्या व्यक्तींना क्षय रोगाचे कोणतीही लक्षणे दिसत नाहीत. अशा व्यक्तींचा Latent TB करिता शोध घेण्यासाठी Cy-TB हि नवीन चाचणी (हातावर त्वचेखाली इंजेक्शनद्वारे ) विकसित करण्यात आलेली आहे.केंद्रीय क्षयरोग विभागाद्वारे राज्यास १,३९,२०० Cy-TB टेस्ट प्राप्त झाल्या असून त्याद्वारे क्षयरुग्णाच्या घरातील व्यक्तींमध्ये क्षयरोगाची लागण झाली आहे काय याबाबत चाचणी करण्यात येईल.यामध्ये लागण झालेल्या व्यक्तींना प्रतिबंधात्मक उपचार देण्यात येतील.
- क्षयरोग प्रतिबंधात्मक औषधोपचार (केमोप्रोफिलॅक्सिस):- मायकोबॅक्टीरियम या जीवाणुमुळे होणार क्षयरोगाचा संसर्ग रोखण्यासाठी व आधीच संक्रमित व्यक्तींमध्ये रोगाचा विकास टाळण्यासाठी, क्षयरोग केमोप्रोफिलॅक्सिस एक उपचारात्मक उपाय आहे. क्षयरुग्णांच्या कुटुंबातील व्यक्ती रुग्णाच्या सतत संपर्कात असतात. यामध्ये ५ वर्षाखालील बालकांना रोगाचा संसर्ग होण्याची शक्यता जास्त असते. तसेच ज्या व्यक्तीमध्ये क्षयरोगाची प्राथमिक लागण (जंतूसंसर्ग) झालेली आहे, मात्र प्रत्यक्षात रोग झालेला नाही अशा व्यक्तीमध्ये सततच्या संपर्कामुळे क्षयरोग होण्याची शक्यता वाढते. यासाठी कार्यक्रमांतर्गत प्रतिबंधात्मक उपाययोजना करण्यात येत आहेत. बालकांमधील क्षयरोगांचा संसर्ग टाळण्यासाठी आयसोनियाझिडची उपचारपद् धती राबविली जात आहेत. तसेच क्षयरुग्णांच्या संपर्कातील प्रौढ व्यक्तींनाही प्रतिबंधात्मक औषधोपचार ३४ जिल्हे / शहरांमध्ये सुरु असून उर्वरित ४६ ठिकाणी सन २०२२-२३ मध्ये सुरु करण्याचे नियोजित आहे.
वर्ष | एकुण क्षयरुग्ण | टि.पी.टि. करीता पात्र क्षयरुग्ण (<५) | एकुण ५ वर्षाखालील टि.पी.टि. दिलेली बालके (<५) | एकुण ५ वर्षाखालील टि.पी.टि. दिलेल्या बालकांची टक्केवारी (<५) | टि.पी.टि. करीता पात्र क्षयरुग्ण (>५) | एकुण ५ वर्षा टि.पी.टि. दिलेल्यांची (>५) | एकुण ५ वर्षा खालील टि.पी.टि. दिलेल्यांची टक्केवारी (>५) |
2019 | 223482 | 42940 | 36312 | 85 % | – | – | – |
2020 | 156727 | 26873 | 17680 | 66 % | – | – | – |
2021 | 185018 | 18404 | 7969 | 43 % | – | – | – |
2022 | 133035 | 26504 | 15690 | 59 % | 422442 | 77796 | 18 % |
2023 | 124283 | 22442 | 15648 | 70 % | 343783 | 143297 | 42 % |
2024 | १२२११८ | २३५०७ | १५१९३ | ६५ % | ३२६७५१ | १६३१२६ | ५०% |
२०२५ (माहे मार्च अखेर ) | 28366 | 5230 | 2318 | 44 % | 66128 | 16643 | 25 % |
- १०० दिवस मोहीम (दिनांक ७ डिसेंबर २०२४ ते २४ मार्च २०२५) :-
- मोहिमेचे ध्येय :- क्षयरोगाच्या केसेस शोधणे, मृत्यूदर कमी करणे आणि क्षयरोगाचा सर्वाधिक भार असलेल्या जिल्ह्रयांमध्ये एका स्तरीकृत द्रुष्टिकोनातून लक्ष केंद्रित करुन नवीन क्षयरुग्णांच्या केसेस रोखण्यासाठी ही एक राष्ट्रव्यापी मोहीम आहे.
- मोहिमेचे उद्दीष्टः-
- क्षयरोग रुग्ण शोधण्याची गती वाढविणे
- क्षयरोगाचा मृत्यू दर कमी करणे
- क्षयरोगचा प्रसार कमी करुन नवीन क्षयरुग्ण टाळणे
- मोहिमेसाठी राज्यातील जिल्हेः-
मृत्युदर, संशयित क्षयरुग्ण तपासणी दर तसेच अंदाजे क्षयरोग प्रादुर्भाव प्रमाण (Incidence Rate) यावर आधारीत जिल्हयांची निवड करण्यात आली आहे. निवड केलेल्या जिल्हयांमध्ये १७ ग्रामीण एनटीईपी जिल्हे, १२ महानगरपालिका एनटीईपी जिल्हे व २४ बृहन्मुंबई महानगरपालिका एनटीईपी जिल्हे आहेत.
- 100 दिवस मोहिमेचा अहवाल:-
- एकूण ४४,५०६ निक्षय शिबीराचे आयोजन करण्यात आलेले आहे.
- 1३८.६१ लाख लोकांची क्षयरोगासाठी तपासणी (Screening) करण्यात आलेली आहे.
- संशयित क्षयरुग्णांपैकी ४,००,०९५ व्यक्तींची एक्स-रे तपासणी करण्यात आलेली आहे.
- ३,०५,३३९ व्यक्तींची नॅट मशीनद्वारे तपासणी करण्यात आलेली आहे.
- १,९०,३५७ व्यक्तींच्या बेडका नमून्याची सुक्ष्म दर्शकाखाली तपासणी करण्यात आलेली आहे.
- ४२,१७५ क्षयरुग्णांचे निदान करण्यात आलेले आहे व निक्षय प्रणालीवर नोंदविण्यात आलेले आहेत.
- निक्षय मिञामार्फत २०,०५४ फुड बास्केट क्षय रुग्णांना वितरीत करण्यात आलेले आहेत.
- 6८,१२३ क्षयरुग्णांना निक्षय पोषण योजनेचा लाभ देण्यात आलेला आहे.
लाभार्थी:
क्षयरुग्ण
फायदे:
क्षयरोगाच्या केसेस शोधणे, मृत्यूदर कमी करणे आणि क्षयरोगाचा सर्वाधिक भार असलेल्या जिल्ह्रयांमध्ये एका स्तरीकृत द्रुष्टिकोनातून लक्ष केंद्रित करुन नवीन क्षयरुग्णांच्या केसेस रोखण्यासाठी ही एक राष्ट्रव्यापी मोहीम आहे.
अर्ज कसा करावा
DRTB रुग्णांवर उपचार सुरु करण्यासाठी २१ नोडल ड्रग रेझिस्टंट् टीबी (DRTB) केंद्रे स्थापन करण्यात आली आहेत. या व्यतिरीक्त ४२ ठिकाणी जिल्हास्तरीय डीआरटीबी सेंटर कार्यरत आहेत त्या ठिकाणी औषधविरोधी क्षयरुग्णांना औषधोपचार देण्यात येतात.